नई दिल्ली। अमेजन प्राइम वीडियो की मिर्जापुर दो साल पहले आई. ये अपने तरह का पहली वेब सीरीज थी, जिस में वो सब चीज थी, जो ऑडियंस को चाहती थी. तभी इसकी पॉपुलैरिटी बढ़ी. अब मिर्जापुर का दूसरा सीजन आ गया है. मिर्जापुर 2 के पहले दो एपिसोड में ही आपको पता चल जाएगा कि मिर्जापुर सीजन 1 इतना सक्सेस कैसे हुआ. लाउडमाउथ कैरेक्टर, ज्यादा हिंसा, गालियां और ऐसा लगता है कि इस बार भी मिर्जापुर अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है.
मिर्जापुर 2 में सीजन 1 कई घटनाओं की वजह को दिखाता है. हर किसी के दिमाग में बदला चल रहा है और कौन किसको मारना चाहता है ये भी बहुत ही शानदार तरीके से दिखाया गया है. अगर आपने इसके प्लॉट को नजदीकी से देखा होगा, तो इसे एक मिनट से पहले ही समझ जाएंगे. सीरीज का कॉमन ग्राउंड बदला लेना है. पहले सीजन में हीरो जैसे कैरेक्टर की जो कमी थी, दूसरे सीजन में श्वेता त्रिपाठी शर्मा के गोलू और अली फजल के गुड्डू पंडित ने पूरा किया है.
https://twitter.com/PrimeVideoIN/status/1319345410788319233?s=20
‘मिर्जापुर 2 (Mirzapur 2 Review)’ की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां मिर्जापुर की खत्म हुई थी. मुन्ना भैया अपनी रंगबाजी में हैं तो वहीं उनके पिता की नजर अपने बेटे को बाहुबली बनाने पर है. गुड्डू भैया घायल पड़े हैं और मुश्किल में हैं. इस तरह कहानी पूरे पेस के साथ शुरू होती है. मुन्ना भैया अब मिर्जापुर के बाद जौनपुर पर भी अपना जलवा चाहते हैं और अपने आप को अमर समझने लगे हैं. लेकिन कालीन भैया मुन्ना को ऐसा डोज देते हैं कि होश ही फाख्ता कर देते हैं. लेकिन बीना त्रिपाठी अपने घर के मर्दों से परेशान है और वह मास्टरस्ट्रोक चलने की तैयारी में है. इस तरह ‘मिर्जापुर 2’ में हर वह मसाला परोसा गया है, जिसके लिए यह सीजन लोकप्रिय रहा है. फिर वह चाहे वनलाइनर हों, जमकर अपशब्दों का इस्तेमाल या फिर राजनीति का घनघोर खेल. इस तरह मिर्जापुर का सीजन 2 भी नए पात्रों के आने के बावजूद पुराने पात्रों के कंधों पर ही खड़ा है.
Hum aa gaye hain.. dekh lijiye!!!
Welcome 2 Mirzapur 2#Mirzapur2 streaming NOW!!!!!@PrimeVideoIN @excelmovies @YehHaiMirzapur @gurmmeet @PuneetKrishna pic.twitter.com/QtoC6GQyqb
— divyenndu (@divyenndu) October 22, 2020
‘मिर्जापुर 2 (Mirzapur 2 Review)’ के 10 एपिसोड हैं. इस पूरी कहानी में अली फजल, श्वेता त्रिपाठी, पंकज त्रिपाठी, दिव्येंदु शर्मा, रसिका दुग्गल और हर्षिता गौर समेत पूरी स्टारकास्ट ने अच्छा काम किया है. सभी ने अपने किरदारों को परदे पर अच्छे ढंग से उकेरा है. लेकिन मिर्जापुर की जान गुड्डू, मुन्ना और कालीन ही हैं. मिर्जापुर के फैन्स के लिए यह परफेक्ट ट्रीट है जबकि गालियों से परहेज करने वाले दर्शकों कों इसे गले उतारने में दिक्कत हो सकती है.