नई दिल्ली: हिंदुस्तानी खगोलविद (Hindustani astronomer) लगातार एक के बाद एक कामयाबी हासिल कर रहे हैं। ISRO के चंद्रयान-2 ने चंद्रमा (Moon) की सतह पर जल के अणुओं के अस्तित्व की ऐतिहासिक खोज करी थी। जिसके बाद से ही लगातार हिंदुस्तानी वैज्ञानिक (Scientist) अंतरिक्ष (Space) के क्षेत्र में नई ऊचाइयां छू रहे हैं। अभी हाल ही में अहमदाबाद (Ahmedabad) की PRL की एक टीम ने बृहस्पति के साइज़ का 1.4 गुना एक एक्सोप्लैनेट खोजा है। यह एक एजिंग स्टार की परिक्रमा कर रहा है जो हमारे सूरज से 1.5 गुना बड़ा है और 725 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
UP में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे Akhilesh Yadav
वहीं अभी बीतें सप्ताह ‘पुणे’ स्थित ‘नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स’ की एक अन्य टीम ने रेडियो स्टार्स के एक दुर्लभ वर्ग को खोजने की सूचना दी थी, जो सूरज से ज्यादा गर्म हैं और इनका चुंबकीय क्षेत्र आसामान्य रूप से काफी मजबूत है। नए एक्सोप्लैनेट को TOI 1789-b कहा जा रहा है, जिसकी खोज प्रोफेसर ‘अभिजीत चक्रवर्ती’ और उनकी टीम ने की थी। एक्सोप्लैनेट का द्रव्यमान बृहस्पति के 70 प्रतिशत होने का पता चला है और इसका आकार बृहस्पति के तक़रीबन 1.4 गुना है।
UP: नई हवा है जो BJP है वही सपा है – Congress
शोधकर्ताओं ने PARAS का प्रयोग करके इसकी खोज करी थी, जो एक एक्सोप्लैनेट के द्रव्यमान को मापने में समर्थ है। इसकी माप दिसंबर 2020 और मार्च 2021 के बीच ली गई थी। TOI 1789-b अपने सूरज की परिक्रमा सिर्फ 3.2 दिनों में कर सकता है और इसकी तारे से दूरी केवल 0.05 AU पर रहती है। अब तक ज्ञात कई एक्सोप्लैनेट में से दस से कम ऐसे क्लोज इन सिस्टम हैं।
हमारा सूरज तक़रीबन 5500 डिग्री सेल्सियस पर जलता है और इसकी कोर का तापमान इससे भी ज्यादा रहता है। ऐसे में यह कल्पना करना मुश्किल है कि – कोई खगोलीय पिंड इससे भी अधिक गर्म हो सकता है। किन्तु, ‘बरनाली दास’ के नेतृत्व में एनसीआरए की पुणे स्थित एक टीम ने दुर्लभ श्रेणी के रेडियो स्टार्स से संबंधित आठ सितारों की खोज की है, जो वास्तव में सूरज से भी गर्म हैं। इस खोज के लिए एक जाइंट मीटरवेव रेडियो पल्स का प्रयोग किया गया था।
सोशल मीडिया अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।