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Friday, October 18, 2024

भारत की सबसे खतरनाक मिसाइल का सफल परीक्षण, पलक झपकते तबाह होगा चीन

नई दिल्ली: अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से भारतीय सेना ने मंगलवार सुबह ब्रह्मोस सुपर सोनिक मिसाइल का एक और सफल प्रक्षेपण किया. ब्रह्मोस ने दागे जाने के बाद दूसरे द्वीप पर स्थित अपने निशाने को दक्षता से तबाह कर दिया. इस सुपर सोनिक मिसाइल की एक और खास बात यह है कि अब यह पहले की तुलना में कहीं लंबी दूरी तक मार कर सकेगी. अब इसकी मारक क्षमता 400 किमी हो गई है. ब्रह्मोस 3.5 मैक यानी 4,300 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकती है. इस सप्ताह ब्रह्मोस के कई परीक्षण होने हैं. चीन से सीमा विवाद के बीच इन परीक्षणओं के अपने सामरिक निहितार्थ हैं, जो दुश्मन देश को कांपने को मजबूर कर सकते हैं.

अधिकतम रफ्तार 4,300 किमी प्रति घंटा
आज हुए सफल प्रक्षेपण के बाद भारत की तीनों सेनाओं के बेड़े में ऐसी-ऐसी मिसाइलें हो जाएंगी, जो दुश्‍मन को संभलने का मौका भी नहीं देंगी. इन मिसाइलों की खूबी यह है कि जितने वक्‍त में दुश्मन का डिफेंस सिस्‍टम तैयार हो पाता है, ये मिसाइलें अपना काम निपटा चुकी होती हैं. ब्रह्मोस ऐसी ही एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक, ब्रह्मोस मैच 3.5 यानी 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकती है. चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच इन टेस्‍ट्स से यह दिखाने की कोशिश की जाएगी कि मिसाइल कितनी सटीकता से अपने निशाने को तबाह कर सकती है. यह मिसाइल रूस और भारत के रक्षा संस्‍थानों के साथ आने से बनी है. ब्रह्मोस में से ‘ब्रह’ का मतलब ‘ब्रह्मपुत्र’ और ‘मोस’ का मतलब ‘मोस्‍कवा’ है.

कई संस्करण हैं ब्रह्मोस के
ब्रह्मोस मिसाइल के कई संस्करण हैं. ताजा परीक्षण 290 किलोमीटर रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल के होने हैं जो एक नॉन-न्‍यूक्लियर मिसाइल है. यह मैक 2.8 की रफ्तार से उड़ती है यानी आवाज की रफ्तार का लगभग तीन गुना. इसे सुखोई लड़ाकू विमान से लॉन्‍च किया जाएगा. दोनों साथ मिलकर एक घातक कॉम्‍बो बनाते हैं जिससे दुश्‍मन कांपते हैं. इस मिसाइल का एक वर्जन 450 किलोमीटर दूर तक वार कर सकता है. इसके अलावा एक और वर्जन टेस्‍ट हो रहा है जो 800 किलोमीटर की रेंज में टारगेट को हिट कर सकता है.

ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत ये है कि इसे कहीं से भी लॉन्‍च किया जा सकता है. जमीन से हवा में मार करनी वाले सुपरसोनिक मिसाइल 400 किलोमीटर दूर तक टारगेट हिट कर सकती है. पनडुब्‍बी वाली ब्रह्मोस मिसाइल का पहला टेस्‍ट 2013 में हुआ था. यह मिसाइल पानी में 40 से 50 मीटर की गहराई से छोड़ी जा सकती है. ऐसी पनडुब्ब्यिां भी बनाई जा रही हैं जिनमें इस मिसाइल का छोटा रूप एक टारपीडो ट्यूब में फिट किया जाएगा.

हवा में मिसाइल छोड़ने के लिए एसयू-30एमकेआई का खूब इस्‍तेमाल होता आया है. यह मिसाइल 5 मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ सकती है. अधिकतम 14,00 फीट की ऊंचाई तक यह मिसाइल उड़ती है. वैरियंट्स के हिसाब से वारहेड का वजन बदल जाता है. इसमें टू-स्‍टेज प्रपल्‍शन सिस्‍टम है और सुपरसोनिक क्रूज के लिए लिक्विड फ्यूल्‍ड रैमजेट लगा है.

Priya Tomar
Priya Tomar
I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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