प्रवर्तन निदेशालय के समन मामले में दिल्ली की अदालत ने सीएम केजरीवाल को दी जमानत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार (16 मार्च) को प्रवर्तन निदेशालय के समन मामले में एक अदालत में पेश हुए। आम आदमी पार्टी (आप) नेता के अब समाप्त हो चुके दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में पूछताछ के लिए आर्थिक खुफिया एजेंसी के सामने पेश होने में विफल रहने के बाद ईडी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट एसीएमएम ने केजरीवाल को 15,000 रुपये ($180) के बांड और ₹1 लाख ($1,200) की जमानत पर जमानत दे दी।
केजरीवाल के खिलाफ ईडी के समन पर रोक
यह तब हुआ जब एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को केजरीवाल के खिलाफ ईडी के समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
ईडी ने समन का पालन नहीं करने पर सीएम के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। एजेंसी ने आप नेता के खिलाफ आठ समन जारी किए थे लेकिन केजरीवाल ने उन्हें ‘अवैध’ घोषित किया और कहा कि वह उत्पाद शुल्क नीति मामले में पक्षकार नहीं हैं।
ईडी ने पहली बार 3 फरवरी को अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसके एक दिन बाद केजरीवाल ने उसका पांचवां समन ठुकरा दिया था।
आठ समन छोड़ा
लगातार आठ समन छोड़ने के बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल ईडी के साथ सहयोग करने के लिए सहमत हुए l
अब तक केजरीवाल 26 फरवरी, 19 फरवरी, 2 फरवरी, 18 जनवरी, 3 जनवरी, 2 नवंबर और 22 दिसंबर को ईडी द्वारा जारी समन से बच चुके हैं।
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामला
यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उजागर की गई दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति (2021-22) में कथित अनियमितताओं पर आधारित है।
ईडी द्वारा इसी मामले में दायर एक आरोप पत्र में, यह दावा किया गया था कि AAP को 2022 में गोवा में अपने विधानसभा चुनाव अभियान के लिए पॉलिसी के माध्यम से उत्पन्न ₹45 करोड़ की रिश्वत मिली थी।
शराब व्यवसाय को पुनर्जीवित करेगी
दिल्ली सरकार ने दावा किया कि उत्पाद शुल्क नीति शहर के शराब व्यवसाय को पुनर्जीवित करेगी और व्यापारियों के लिए लाइसेंस शुल्क के साथ बिक्री-मात्रा-आधारित व्यवस्था को बदल देगी। इसने शानदार दुकानों और बेहतर खरीदारी अनुभव का वादा किया। पॉलिसी में दिल्ली में पहली बार शराब की खरीद पर छूट और ऑफर की भी पेशकश की गई।
दिल्ली के दो शीर्ष मंत्री-मनीष सिसौदिया और संजय सिंह-पहले से ही मामले में न्यायिक हिरासत का सामना कर रहे हैं।